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श्रद्धालुओं ने कथा श्रवण कर पुण्य कमाया

ऊखीमठ। नगर पंचायत क्षेत्रान्तर्गत ओकारेश्वर वार्ड के ब्राह्मण खोली में आयोजित सात दिवसीय श्रीमद्भागवत ज्ञान यज्ञ के 5वें दिन भगवान श्रीकृष्ण की जन्मोत्सव की झांकी मुख्य आकर्षण का केन्द्र रही। श्रीमद्भागवत ज्ञान यज्ञ के पांचवें दिन सैकड़ों भक्तों ने भगवान श्रीकृष्ण की जन्म लीलाओं का कथा श्रवण कर पुण्य अर्जित किया।

सात दिवसीय श्रीमद्भागवत ज्ञान यज्ञ के आयोजन से ब्राह्मण खोली सहित ऊखीमठ क्षेत्र का वातावरण भक्तिमय बना हुआ है। बद्री केदार मन्दिर समिति के पूर्व वेदपाठी व केदार घाटी के जन सरोकारों में अपना जीवन समर्पित करने वाले  श्रीहर्ष जमलोकी की पुण्य स्मृति में परिजनों द्वारा आयोजित सात दिवसीय श्रीमद्भागवत ज्ञान यज्ञ के पांचवें दिन कथावाचक दयानन्द देवशाली ने  कहा कि भागवत कथा मनुष्य के जीवन को सार्थक बनाती है। उन्होंने समुन्द्र मथन कथा का विस्तृत से वर्णन करते हुए कहा कि समुद्र मथन से चौदह रत्न प्राप्त हुए थे व अमृत कलश की बूंदें जिन स्थानों पर गिरी है उन स्थानों पर 12 वर्षों में कुम्भ मेलों का आयोजन किया जाता है व कुम्भ मेलों के समय उन तीर्थों में स्नान, दान करने से सौ यज्ञों के समान पुण्य मिलता है। उन्होंने कहा कि जो मनुष्य भगवान चर्तुभुज के श्रीचरणों में अपने श्रद्धा सुमन अर्पित करता है उस मनुष्य के जन्म – जन्मान्तर से लेकर युग – युगान्तरों के पापों का हरण होता है तथा अन्त में उस मनुष्य को मोक्ष की प्राप्ति होती है। कथावाचक दयानन्द देवशाली ने कहा भगवान श्रीमद्भागवत के दशम स्कन्द में भगवान श्रीकृष्ण की अनेक जीवन लीलाओं का वर्णन किया गया है, इसलिए दशम स्कन्द को श्रीमद्भागवत का ह्रदय कहा गया है।

उन्होंने कहा कि श्रीमद्भागवत के दशम स्कन्द में 90 अध्यायों में भगवान श्रीकृष्ण की विभिन्न लीलाओं का वर्णन किया गया है। श्रीमद्भागवत ज्ञान यज्ञ में रविन्द्र बडोनी, नीरज पन्त व हिमाशु मैठाणी ने धार्मिक भजनों से वातावरण को भक्तिमय बनाया।

इस मौके पर आचार्य बच्ची राम सेमवाल, भगवती प्रसाद सेमवाल, उमादत्त मैठाणी, विश्वनाथ मंदिर प्रधान पुजारी टी गंगाधर लिंग, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष चण्डी प्रसाद भटट्, बद्री केदार मन्दिर समिति सदस्य श्रीनिवास पोस्ती, पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष रीता पुष्वाण, व्यापार संघ अध्यक्ष राजीव भटट्,  त्रिलोचनी देवी, विश्व मोहन जमलोकी, श्रीवर्ध जमलोकी, दीप्तिधर जमलोकी, सूरज जमलोकी, दिनेश जमलोकी, सतीश चन्द्र नौटियाल, विजय प्रसाद मैठाणी, जगदम्बा बेजवाल, दिनेश तिवारी, वेद प्रकाश जमलोकी, घनानन्द मैठाणी, उषा भटट् सुधा नेगी, भूपाल सिंह नेगी, प्रधान सन्दीप पुष्वाण, प्रकाश रावत, दर्शनी पंवार, विश्वनाथ बेजवाल, पंकज भटट्, भुवनेश्वर जमलोकी सहित सैकड़ों श्रद्धालु मौजूद थे।

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