उत्तराखण्ड

पशुक्रूरता पर नजर रखें : बहुगुणा

रुद्रप्रयाग। कैबनेट मंत्री एवं जिला प्रभारी मंत्री सौरभ बहुगुणा ने विकास भवन रुद्रप्रयाग में जिला योजना, राज्य सेक्टर, केंद्र पोषित एवं बाह्य सहायतित योजनाओं और केदारनाथ में चल रहे विकास कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने जिला योजना की समीक्षा करते हुए उन्होंने सभी जिला स्तरीय अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि जिले में संचालित सभी योजनाओं का सफलतापूर्वक संचालन हो तथा जो धनराशि जिस योजना के लिए स्वीकृत की गई वह उसी योजना में समयबद्धता एवं गुणवत्ता के साथ कार्य पूर्ण करते हुए धनराशि का व्यय करना सुनिश्चित करें ताकि योजनाओं का लाभ आम जनमानस को उपलब्ध हो सके। उन्होंने सभी अधिकारियों को यह भी निर्देश दिए हैं कि उनके अधीन जो भी योजनाएं संचालित हो रही उनके संबंध में संबंधित क्षेत्र के विधायक एवं जनप्रतिनिधियों से समन्वय करते हुए योजनाओं का क्रियान्वयन करना सुनिश्चित करें। विकास योजनाओं के जो भी प्रस्ताव तैयार किए जा रहे हैं उनके बारे में जनप्रतिनिधियों को अनिवार्य रूप से जानकारी होना जरूरी है। उन्होंने यह भी निर्देश दिए हैं कि जो भी विभागीय योजनाएं संचालित की जा रही हैं उनका लाभ ग्रामीणों तक उपलब्ध हो उसके लिए ग्राम स्तर पर आयोजित होने वाले मेले एवं महोत्सवों में सभी विभाग अपनी योजनाओं का व्यापक प्रचार-प्रसार करते हुए अपनी योजनाओं की जानकारी उपलब्ध कराएं ताकि आमजन को योजनाओं का लाभ मिल सके।
प्रभारी मंत्री ने पशुपालन, मत्स्य व दुग्ध विकास विभागों की विशेष समीक्षा करते हुए जनपद में प्रस्तावित गोट वैली की प्रगति की स्थिति जानी। उन्होंने संबंधित विभाग को निर्देशित करते हुए कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि योजना का लाभ पात्र व्यक्तियों तक ही पहुंचे। वहीं पशुपालन के क्षेत्र में हो रहे कार्यों की समीक्षा करते हुए कहा कि केदारनाथ यात्रा मार्ग पर घोड़े-खच्चरों के संचालन एवं पशु क्रूरता पर लगातार निगरानी की जाएं। उन्होंने केदारनाथ यात्रा मार्ग पर पशु चिकित्सकों की संख्या बढ़ाए जाने के लिए प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेजने के भी निर्देश दिए। उन्होंने पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष घोड़े-खच्चरों पर हो रही पशु क्रूरता में आई कमी के लिए विभाग की सराहना भी की। मत्स्य विभाग को जिले में उत्पादन के सापेक्ष में बिक्री बढाने के लिए मुख्य विकास अधिकारी को आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिए, जिससे कि जिले में उत्पादित मछलियों की बिक्री के लिए होटल संचालक, रेलवे, सेना समेत अन्य बड़े संस्थानों से संपर्क साधने को भी कहा। उन्होंने नगर पालिका एवं पशुपालन विभाग को आवारा, बेसहारा एवं घायल पशुओं के उपचार व उचित रखरखाव के लिए आवश्यक गोशाला की उचित व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button