उत्तराखण्ड

मूल निवास-भू कानून समन्वय संघर्ष समिति ने निकाली पद यात्रा

देहरादून। मूल निवास-भू कानून समन्वय संघर्ष समिति ने मूल निवास 1950 और सशक्त भू-कानून की मांग को लेकर देहरादून के शहीद स्मारक से ऋषिकेश त्रिवेणी घाट तक स्वाभिमान पदयात्रा निकाली।  पदयात्रा  का मियांवाला, भानियावाला, जौलीग्रांट, रानीपोखरी और ऋषिकेश में भव्य स्वागत किया गया। पदयात्रा में 29 सितंबर को ऋषिकेश में होने जा रही स्वाभिमान महारैली को लेकर जनजागरूकता अभियान चलाया गया। संघर्ष समिति के संयोजक मोहित डिमरी ने कहा कि अपने ही राज्य में मूल निवासियों के सामने पहचान का संकट खड़ा हो गया है। यही हाल रहा तो वह दिन दूर नहीं जब पहाड़ियों का अस्तित्व ही खत्म हो जाएगा।  उन्होंने कहा कि आज मूल निवासियों को एक होकर संघर्ष करने की आवश्यकता है। बाहरी ताकतें हमें कमजोर समझ रही है। हमारी जमीनों पर बाहर के लोग कारोबार कर रहे हैं और हमारे लोग वहां नौकर या चौकीदार बन रहे हैं। उन्होंने मांग करते हुए कहा कि मूल निवासियों को सरकारी और प्राइवेट नौकरी के साथ ही सरकारी योजनाओं में 90 प्रतिशत आरक्षण मिलना चाहिए। राज्य में कितने मूल निवासी हैं, इसका सर्वेक्षण भी होना चाहिए। पदयात्रा में लूशुन टोडरिया, प्रांजल नौडियाल, आशीष नौटियाल, विपिन नेगी, पंकज उनियाल, प्रज्ज्वल जोशी, मनीष रतूड़ी, गणोश धामी, दीपिका फस्र्वाण, उत्तम पंवार, राहुल कोहली, आर्यन रावत, आशुतोष कोठारी, अतुल थपलियाल, यशवर्धन कत्वान, कार्तिकेय उनियाल, जगत मर्तोलिया, धर्मेंद्र रावत, यश उनियाल, शुभेंदु बहुगुणा, सौम्य रावत, अनिल डोभाल, विनीत सकलानी, रश्मि सती नैनवाल, वंदना रावत, सुनील राणा, अंकित नेगी, नवीन नकोटी, कार्तिकेय कपरवाण, जगमोहन नेगी, मोहन रावत, एलपी रतूड़ी, विवेशर बौठिंयाल, नवनीत गुसाईं, दिमेर रानाकोटी, मोनू नौडियाल, अमित पंत, नमन चंदोला व प्रशांत कांडपाल सहित कई लोग मौजूद थे।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button