देवभूमि की संस्कृति की पहचान कराता अकल्पनीय भोजनालय

सतपुली। आदिशक्ति मां भुवनेश्वरी मंदिर विकास मिशन मंदिर में मां भुवनेश्वरी दर्शनार्थ आये भक्तों के लिए भोजन के साथ उत्तराखण्ड की संस्कृति को पेटिंग के द्वारा बढ़ावा दे रहा है। मंदिर विकास मिशन के आजीवन सदस्य सुतीक्ष्ण नैथानी ग्राम काण्डई ने इस भोजनालय को पौराणिक परंपराओं का अनुसरण करते हुए भोजनालय भवन का निर्माण करवाया। आज उत्तराखण्ड पलायन के दंश के साथ ही पश्चिमी सभ्यता की नकल के कारण धीरे, धीरे अपनी सांस्कृतिक पहचान खोता जा रहा है। मंदिर विकास मिशन अपनी संस्कृति की रक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध है। इसी विचार से मंदिर विकास मिशन ने भोजनालय के अन्दर चारों दिवारों पर उत्तराखण्ड सांस्कृतिक भित्ती चित्रों का चित्रण करवाया, ताकि स्थानीय तथा प्रवासी भक्त अपने बच्चों के साथ प्रसाद ग्रहण करते हुए अपनी संस्कृति का स्वयं अवलोकन करें व अपने बच्चों को भी इसकी जानकारी दें । मंदिर विकास मिशन के उपाध्यक्ष महेन्द्र सिंह राणा के निर्देश तथा मार्गदर्शन में यह सम्पूर्ण कार्य हुआ। चित्रों को दक्षिणावर्त देखने पर उनका विवरण इस प्रकार है।
1। उत्तराखण्ड के चार धाम यमनोत्री गंगोत्री केदारनाथ बद्रीनाथ।
2। उत्तराखण्डी वाद्य यंत्र ढोल दमाउ मसकबीन शहनाई एवं नृत्य करती महिलायें।
3। रम्माण आज विश्व धरोहर है।
4। छोलिया नृतक एवं गांव का दृश्य।
5। उत्तराखण्डी कस्तूरी मृग मोनाल पक्षी एवं ब्रह्मकमल।
6। हरिद्वार एवं ऋषिकेश की गंगा आरती ।
7। उत्तराखण्डी पांरपरिक बर्तनों में सरोला खाना बनाते हुए।
8। नंदा देवी राजजात यात्रा
9। उत्तराखण्डी आभूषण।




