उत्तराखण्ड

प्रकृति जनित चुनौतियों का सामना करने को तैयार रहे सिंचाई विभाग

 देहरादून।  सिंचाई मंत्री सतपाल महाराज ने सिंचाई विभाग के अभियंताओं को नवीनतम तकनीक का इस्तेमाल करने के साथ-साथ कार्य के दौरान आ रही प्रकृति जनित चुनौतियों का सामना करने के लिए भी उन्हे तैयारी करने को कहा है। सतपाल महाराज ने रविवार को आई.एस.बी.टी. स्थित इंस्टीट्यूशन आफ इंजीनिर्यस के सभागार में आयोजित उत्तराखण्ड सिंचाई अभियन्ता एसोसिएशन के प्रथम महाधिवेशन में कहा कि सिंचाई विभाग के अभियंताओं की समस्याओं को सुनने के साथ-साथ उनका हर संभव निराकरण का प्रयास किया जायेगा। उन्होंने अभियंताओं को विकास कार्यों में गुणवत्ता लाने के साथ-साथ विभाग में कार्य संस्कृति विकसित करने पर भी जोर दिया। सिंचाई मंत्री ने अभियंताओं को नवीनतम तकनीक का इस्तेमाल करने के साथ-साथ कार्य के दौरान आ रही प्रकृति जनित चुनौतियों का सामना करने के लिए भी तैयारी करने को कहा। इस मौके पर उत्तराखण्ड सिंचाई अभियन्ता एसोसिएशन ने सिंचाई मंत्री को एक मांग पत्र भी सौंपा।  मांग पत्र में सेवा में शिथिलीकरण का लाभ पुनः लागू किये जाने, विभागीय ढांचे में पदों को कम न करने, सिंचाई विभाग को पर्यटन विभाग की कार्यदायी संस्था के रूप में नामित करने हेतु शासनादेश किये जाने, सीधी भर्ती के सहायक अभियन्ताओं की नियुक्ति प्रत्येक वर्ष करने, सीधी भर्ती एवं पदोन्नति के अनुपात को पूर्व की भांति करने और सिंचाई विभाग में ज्येष्ठता सम्बन्धी विवादों के समाधान हेतु त्वरित कार्यवाही की मांग की गई। इस अवसर पर सचिव सिंचाई हरिचन्द सेमवाल, प्रमुख अभियन्ता जयपाल सिंह, श्री ए.के. दिनकर, सुभाष पाण्डे, उत्तराखण्ड सिंचाई अभियन्ता एसोसिएशन अध्यक्ष, हर्ष कुमार कटियार आदि उपस्थित थे।

 

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