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बढ़ती नशाखोरी पर लगाम लगाए

 हरिद्वार। जिलाधिकारी  धीराज सिंह गर्ब्याल की अध्यक्षता में सोमवार को कलक्ट्रेट सभागार में उत्तराखण्ड राज्य में बढ़ती नशाखोरी के नियंत्रण तथा अफीम, खस-खस, व पोस्त की अवैध खेती की रोकथाम के सम्बन्ध में गठित समिति की बैठक आयोजित हुई। बैठक में अपर जिलाधिकारी  पीएल शाह ने बढ़ती नशा खोरी के नियंत्रण के सम्बन्ध में राज्य सरकार द्वारा जारी किये गये दिशा-निर्देशों के सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी दी। जिलाधिकारी को बैठक में उपस्थित नारकोटिक्स विभाग के अधिकारियों ने कितने ड्रग्स के लाइसेंस जारी किये किये हैं आदि के सम्बन्ध में जानकारी दी। इस पर जिलाधिकारी ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि जितने भी लाइसेंेंस जारी किये गये हैं, उनका समय-समय पर भौतिक सत्यापन भी करना सुनिश्चित करें तथा जो दुकानें भौतिक सत्यापन में दर्शाये गये अभिलेखों के पते पर नहीं मिलते हैं तो, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाये। उन्होंने बैठक में अधिकारियों को ये भी निर्देश दिये कि नशा मुक्ति केन्द्रों की वर्तमान में क्या स्थिति है, के साथ-साथ हॉस्टल जिम आदि का भी समय-समय पर निरीक्षण किया जाये। जिलाधिकारी ने बैठक में अधिकारियों को ये भी निर्देश दिये कि नशाखोरी के खिलाफ लोगों में जन-जागरूकता पैदा करने के लिये नुक्कड़ नाटक सहित विभिन्न माध्यमों से जिला तथा तहसील मुख्यालयों में अभियान चलाया जाये। धीराज सिंह गर्ब्याल ने लोगों से अपील की कि मेला अस्पताल में नशा मुक्ति केन्द्र चलाया जा रहा है, जिसमें नशे से प्रभावित व्यक्ति का निःशुल्क इलाज किया जाता है। अतः नशे से प्रभावित व्यक्ति का इलाज मेला अस्पताल में कराया जा सकता है।
बैठक में आबकारी विभाग के अधिकारियों ने बताया कि कच्ची शराब बनाने वालों पर कड़ी नजर रखी जा रही है, जिनका पता लगाने के लिये द्रोण का भी इस्तेमाल किया जा रहा है। जिलाधिकारी ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि अगर कहीं से भी नशे की सामग्री पकड़ी जाती है, तो उसका मुख्य स्रोत कहां है, का पूरा पता लगाया जाये।

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