महाराज ने किया भीमगोड़ा बैराज का दौरा, लिया जायजा
हरिद्वार। सिंचाई, पर्यटन और लोनिवि मंत्री सतपाल महाराज ने हरिद्वार के भीमगोड़ा बैराज का निरीक्षण किया । उन्होंने विगत दिनों पानी की तेज बहाव के चलते टूटे गेट नंबर 10 का तत्काल मरम्मत के निर्देश अधिकारियों को दिए। गौरतलब है कि गत दिनों टिहरी बांध से एक लाख क्यूसेक पानी छोड़ने के बाद गंगा में उफान आने के बाद हरिद्वार के भीमगोड़ा बैराज के गेट खोलने के दौरान तेज बहाव के चलते गेट नंबर 10 टूट गया था। सतपाल महाराज ने कहा कि उन्होंने उत्तर प्रदेश के सिंचाई मंत्री को पत्र लिखकर नंबर 10 शीघ्र बदलने के लिए कहा है। सतपाल महाराज ने बताया गेट नंबर 10 पहले से ही बदला जाना प्रस्तावित था अतः दो-तीन दिन में नया गेट लग जाएगा। गेट टूटने से आगे किसी प्रकार की कोई हानि की संभावना नहीं है । उन्होंने कहा कि हरिद्वार में आई बाढ़ को लेकर उन्होंने मुख्यमंत्री से बात की है इसके लिए केंद्र से सहायता की मांग की गई है । हरिद्वार के प्रभारी मंत्री सतपाल महाराज ने कहा है कि भीमगौड़ा बैराज के गेट टूटने से किसी प्रकार का कोई खतरा नहीं है। बरसात होने के साथ-साथ पानी की निकासी लगातार हो रही है। गेट को ठीक करने के लिए उत्तर प्रदेश के जल शक्ति एवं बाढ़ नियंत्रण मंत्री स्वतंत्र देव सिंह से भी कहा है। उन्होंने कहा कि मानसून अवधि में हो रही भारी वर्षा के कारण अभी तक 274 मार्ग बन्द थे जिसमें से 37 मार्ग खोले जा चुके हैं तथा शेष 237 मार्गों को खोलने हेतु 213 मार्ग खोलने को मशीनें लगाई गई हैं। जल्द ही अधिकत्तर मार्गों को कल तक खोल दिया जायेगा। साथ रोशनाबाद-बिहारीगढ़ मोटर मार्ग पर अनेकी के पास क्षतिग्रस्त सेतु का भी स्थलीय निरीक्षण किया।
उन्होंने कहा कि भीमगौड़ा बैराज का गेट टूटने से कोई खतरा नहीं है। बरसात होने के साथ-साथ पानी की निकासी लगातार हो रही है। लोक निर्माण मंत्री श्री महाराज ने 13 जुलाई को हुई अतिवृष्टि के कारण रोशनाबाद-बिहारीगढ़ मार्ग पर स्थिति अनेकी नामक स्थान पर धसे बाक्स सेतु का निरीक्षण करते हुए कहा कि सेतु को यातायात हेतु बन्द कर क्षतिग्रस्त भाग पर वैली ब्रिज लगाने हेतु कार्य प्रारम्भ कर दिया गया है। अगले तीन सप्ताह में हल्के वाहन हेतु सेतु को खोल दिया जायेगा। कैबिनेट मंत्री महाराज ने कहा कि 13 जुलाई को कोटद्वार क्षेत्र में हुई अतिवृष्टि के कारण मालन नदी पर निर्मित सेतु के पियर न० 09 में झुकाव आने के कारण सेतु का एक पैनल क्षतिग्रस्त होने के कारण यातायात बन्द है। वैकल्पिक मार्ग के रूप में कर्णाश्रम-मवाकोट-डिग्री कॉलेज होते हुए हल्का वाहन हेतु मार्ग सुचारू है। सेतु के डाउन स्ट्रीम में पूर्व कन्डी मार्ग को भारी वाहन हेतु मालन नदी में हयूम पाईप डालकर मार्ग को तीन सप्ताह के अन्दर यातायात हेतु खोल दिया जायेगा। मालन नदी पर वैली ब्रिज लगाने हेतु कार्य प्रारम्भ कर दिया गया है।