उत्तराखण्ड

बचपन के संस्कार सम्पूर्ण जीवन में काम आते हैं : धामी

देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा राज्य में नई शिक्षा नीति 2020 प्रदेश मे सर्वप्रथम लागू की। इस नीति को लागू करने के पीछे सरकार का प्राथमिक उद्देश्य प्रदेश में शिक्षा के मानक को वैश्विक स्तर तक ले जाना था, जिससे उत्तराखण्ड ज्ञान-आधारित क्षेत्रों में अग्रणी बन सके। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति को सर्वप्रथम लागू किया। नई शिक्षा नीति में जहां रोजगार परक शिक्षा का प्राविधान है वही कौशल विकास के द्वारा भी रोजगार व स्वरोजगार को बढावा दिया जायेगा। एक पार्वती प्रेमा जगाती सरस्वती विहार स्कूल के 36 वें वार्षिकोत्सव समारोह में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विद्यार्थियों से कहा कि किताबी ज्ञान तक सीमित न रहें स्वयं के अस्तित्व की खोज कर आपने जीवन को सफल बनायें। उन्होंने कहा बचपन के संस्कार सम्पूर्ण जीवन में काम आते है इसलिए हमें बच्चों को बचपन से ही संस्कारवान शिक्षा प्रदान कर भविष्य के निर्माण के लिए कार्य करना होगा। केंद्रीय रक्षा एवं पर्यटन राज्य मंत्री अजय भट्ट ने कहा कि इस विद्यालय से पढ़कर विद्यार्थी देश के विभिन्न क्षेत्रों में सेना, प्रशासन व आदि स्थानों पर कमान संभाल रहे । महाराष्ट्र के पूर्व राज्यपाल एवम पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी ने कहा कि सरस्वती विद्या मंदिर के प्राचार्य और गुरुजनों की मेहनत से यहाँ के विद्यार्थियों ने देश के विविध क्षेत्रों में अपनी सुगंध फैलाई है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के मूल मंत्र विद्या भारती से लिए गया है। इस शिक्षा नीति से विद्या भारती ही नहीं अपितु देश के समस्त सरकारी और गैर सरकारी विद्यालयों को इंडिया से भारत बनने की संकल्पना को पूरा किया जाएगा।

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