उत्तराखण्ड

वन भूमि हस्तांतरण मामलों का त्वरित निस्तारण के दिए निर्देश

चमोली। जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने मंगलवार को वीसी के माध्यम से वन भूमि हस्तांतरण मामलों की समीक्षा बैठक ली। उन्होंने विभागों को निर्देशित किया कि आपस में समन्वय बनाकर वन भूमि के लंबित प्रकरणों का त्वरित निस्तारण किया जाए। ताकि कोई भी सड़क एवं विकास कार्य वन भूमि हस्तांतरण के कारण लंबित न रहे। जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि वन भूमि हस्तांतरण के जो प्रस्ताव शासन, नोडल एवं भारत सरकार स्तर पर लंबित हैं, उनका विभागीय अधिकारी नियमित फॉलोअप करें। जिन प्रस्तावों में आपत्तियां दर्ज की गई है, उनका त्वरित निराकरण किया जाए। समरेखण विवाद वाले मामलों को सुलझाने के लिए स्थानीय लोगों के साथ वार्ता करें। क्षतिपूरक भूमि की आवश्यकता वाले प्रकरणों में भूमि उपलब्ध कराई जाए। जिलाधिकारी ने कहा कि वन, लोनिवि व अन्य सड़क निर्माण संस्थाऐं आपसी समन्वय से सड़कों का निर्माण और अन्य विकास कार्यो को जनहित में तेजी से काम पूरा करें। इस दौरान सभी डिविजनों में लंबित मामलों की विस्तार से समीक्षा की गई। बैठक में पेयजल निगम गोपेश्वर और कर्णप्रयाग के अधिशासी अभियंता के उपस्थित न रहने पर उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया गया। वहीं लंबित प्रकरणों की पूरी जानकारी न होने पर जिलाधिकारी ने लोनिवि थराली के अधिशासी अभियंता के वेतन आहरण पर रोक लगाने के निर्देश भी दिए। साथ ही हिदायत दी की वन भूमि हस्‍तांरण के मामलों को गंभीरता से लेते हुए निस्तारण किया जाए।  इस दौरान बताया गया कि लोक निर्माण विभाग, शिक्षा, पेयजल निगम, जल संस्थान और पीएमजीएसवाई के वन भूमि हस्तांतरण संबंधी कुल 76 प्रस्तावों प्रक्रिया में है। जिसमें से 56 मामले प्रस्तावक विभाग, 04 वन संरक्षक, 13 नोडल स्तर और एक-एक मामला प्रभाग स्तर, तहसील स्तर एवं भारत सरकार के स्तर पर प्रक्रिया में है। बैठक में प्रभागीय वनाधिकारी सर्वेश कुमार दुबे, अपर जिलाधिकारी विवेक प्रकाश, एसडीओ जुगल किशोर, ईई लोनिवि आरएस चौहान, ईई जल संस्थान एसके श्रीवास्तव सहित वन, लोनिवि व पीएमजीएसवाई के सभी डिविजनों अधिशासी अभियंता वर्चुअल माध्यम से उपस्थित थे।

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