Crime Newsउत्तराखण्ड
प्रेमिका ने पति संग मिलकर की प्रेमी की हत्या
हरिद्वार। तीन दिन पहले सिडकुल क्षेत्र में हुई युवक की हत्या का पुलिस ने खुलासा कर दिया। युवक की हत्या उसकी प्रेमिका ने जहर देकर की थी। हत्या करने वाले दंपति को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। महिला युवक के साथ सिडकुल लिव इन रिलेशनशिप में किराए का कमरा लेकर रह रही थी। मृतक के भाई की ओर से पुलिस में तहरीर देकर तीन दिन पहले मुकदमा दर्ज कराया गया था। आरोपित दंपति झारखण्ड का रहने वाला है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रमेन्द्र सिंह डोबाल ने सिडकुल में तीन दिन पहले हुई युवक की हत्या का खुलासा कर आरोपी दंपति की गिरफ्तारी की जानकारी दी। एसएसपी ने बताया कि श्रीराम पुत्र राधाकृष्ण निवासी ग्राम खजुरिया धुरिया पलिया थाना माोटाण्डा कलीनगर जिला पीलीभीत उत्तर प्रदेश ने सिडकुल थाने में तहरीर देकर अपने भाई को जहर देकर मारने के संबंध में मुकदमा दर्ज कराया था। घटना के खुलासे के लिए थाना प्रभारी मनोहर सिंह भंडारी के नेतृत्व में टीम का गठन कर लगाया। टीम को जानकारी लगी कि लक्ष्मण पुत्र राधाकृष्ण निवासी ग्राम बीरखेड़ा मावटांडा पीलीभीत उत्तर प्रदेश कुछ माह पहले हरिद्वार आया था। वह अंजू देवी पत्नी मधु निवासी ग्राम कुडांव थाना जरमुंडडी पोस्ट राजन मारा कुण्डा दुमका झारखण्ड के प्रेमजाल में फंस कर उसके साथ चौहान मार्केट रावली महदूद में किराए में कमरा लेकर रिलेशनशिप में रह रह था। एसएसपी ने बताया कि पुलिस टीम ने घटनास्थल से साक्ष्य संकलन के साथ-साथ संकरी गली मोहल्लों सहित मुख्य मागरे के 300 से अधिक सीसीटीवी फुटेज चेक कर सर्विलांस के माध्यम एवं सक्रिय किए गए मुखबिर तंत्र की सटीक सूचना पर आरोपी महिला व उसके पति को बस अड्डे से गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में खुलासा हुआ कि अंजू देवी की शादी लगभग नौ वर्ष पूर्व मधु राय से झारखंड में हुई थी। जहां मधु राय घर जमाई के रूप में रहता था। जल्दी ही दोनों के बीच छोटी-छोटी बातों को लेकर मनमुटाव होने लगा। इसके बाद मधु राय ने पत्नी को मारना पीटना शुरू कर दिया जिससे तंग आकर एक दिन अंजू देवी घर छोड़कर बरेली चली गई। पीलीभीत से काम की तलाश में बरेली आए लक्ष्मण से उसकी मुलाकात हुई। लक्ष्मण उस समय पोकलैंड मशीन चलाता था जल्दी ही दोनों की दोस्ती हो गई और दोनों ने साथ रहना शुरू कर दिया। एक दिन लक्ष्मण अंजू को अपने घर पीलीभीत ले गया। घर वालों ने शादीशुदा महिला को घर लाने पर आपत्ति की थी। इसके बाद दोनों काम की तलाश एवं रहने के इरादे से हरिद्वार आ गए और मजदूरी करने लगे और सिडकुल क्षेत्र में रहने लगे। हरिद्वार में प्रेम शंकर आश्रम में अंजू देवी के कई परिचित रहते थे जिनसे मिलने कभी-कभी अंजू देवी जाया करती थी। वहीं एक दिन सत्संग के दौरान अंजू देवी की मुलाकात अपने पति मधु राय हो गई। पुरानी बातों को लेकर दोनों के बीच में गिले शिकवे हुए कई साल बाद अपने लगभग आठ साल के बेटे को देखकर अंजू देवी पिघल गई। इसके बाद अंजू देवी ने अपने प्रेमी लक्ष्मण को बोलकर अपने कमरे के पास में ही मधु राय व बेटे की रहने की व्यवस्था करा दी और आसपास सभी से कहा कि यह मेरा भाई और यह मेरा भतीजा है। सभी का रोज मिलना जुलना होने लगा। वक्त बीतने के साथ जब लक्ष्मण को शक हुआ तो उसने अंजू देवी के साथ मारपीट शुरू कर दी । यह बात मधु राय को बुरी लगी। पति-पत्नी ने लक्ष्मण को अपने रास्ते से हटाने का मन बना लिया। एक दिन मौका पाकर दोनों ने खाने में जहर मिलाकर लक्ष्मण को दिया और कमरा बंद करके भाग गए। कई दिन बदबू आने पर लोगों ने पुलिस को सूचना दी थी, जिसके बाद हत्या होने का पता चला था।