यात्रा को लेकर श्रद्धालुओं में उत्साह - Digital Uttarakhand
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यात्रा को लेकर श्रद्धालुओं में उत्साह

रुद्रप्रयाग। मानसून सीजन समाप्ति की ओर है। पिछले एक सप्ताह में मौसम साफ होने से साथ ही श्री केदारनाथ धाम यात्रा ने भी तेजी पकड़ ली है। बीते 31 जुलाई को केदारघाटी में अतिवृष्टि के बाद कई स्थानों पर सड़क व पैदल मार्ग बाधित होने से यात्रा काफी प्रभावित हो गई थी लेकिन अब धीरे-धीरे यात्रा तेज गति से चलने लगी है। हालांकि यात्रा मार्ग सुचारू करने एवं स्थानीय लोगों को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशन एवं नेतृत्व में युद्ध स्तर पर राज्य एवं जिला प्रशासन की मशीनरी ने 15 दिनों में ही पैदल यात्रा मार्ग पर आवाजाही शुरू कर दी थी, जबकि एक महीने में यात्रा पटरी पर लौट आई थी। मुख्यमंत्री धामी के निर्देशन में गढ़वाल कमिश्नर, आपदा सचिव सहित संबधित सभी विभाग यात्रा सुचारू करने को प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रहे थे। भारी बारिश के बावजूद जिलाधिकारी सौरभ गहरवार के प्रयासों से रिकॉर्ड समय में सभी यात्रियों को रेस्क्यू करने के साथ ही यात्रा दोबारा सुचारू कर दी गई है। अब तक लगभग 12 लाख श्रद्धालु बाबा केदारनाथ के दर्शन कर चुके हैं। श्री केदारनाथ धाम की द्वितीय चरण की यात्रा जोरों पर है। शासन-प्रशासन द्वारा केदारनाथ धाम की यात्रा को सुव्यवस्थित तरीके से संचालित करने लिए सभी आवश्यक सुविधाओं पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। वहीं यात्रा व्यवस्थाओं से श्रद्धालुओं में उत्साह देखने को मिल रहा है।
कानपुर, उत्तर प्रदेश निवासी मनीष पांडे ने केदारनाथ धाम की यात्रा से उत्साहित होते हुए कहा कि उनकी बचपन से केदारनाथ धाम आने की बहुत इच्छा थी जो कल पूरी हो गई। अपने अनुभव साझा करते हुए उन्होंने बताया कि मंदिर परिसर में सारी व्यवस्थाएं उचित परिस्थितियों में बनी हुई हैं। उन्होंने शासन-प्रशासन की सराहना करते हुए कहा कि स्थानीय स्तर पर उचित व्यवस्थाएं की गई हैं। इसके साथ ही मंदिर में भी दर्शन अच्छे तरीके से हो रहें हैं और किसी भी तरह की दिक्कत नहीं हो रही है ना खाने पीने की ना ठहरने की सारी व्यवस्थाएं सुचारू रूप से चल रही हैं। उन्होंने बताया कि उन्हें यहाँ पर आकर बहुत अच्छा लगा और मंदिर में दर्शन करके धन्य हो गया और मैं केदारनाथ का हमेशा ऋणी रहूँगा।
बीजापुर कर्नाटक के श्रद्धालु ने बताया कि उन्हें दर्शन काफी अच्छे से हुए हैं और ठहरने की भी व्यवस्था काफी अच्छी है पीने के लिए गर्म पानी मिल रहा है। उन्होंने शासन-प्रशासन और मंदिर समिति की व्यवस्थाओं की सराहना की।
तीर्थ पुराहित राजकुमार तिवारी ने कहा कि 31 जुलाई को हुई अतिवृष्टि के बाद यात्रा मार्ग के मुख्य पड़ावों सोनप्रयाग, गौरीकुंड, भीमबली, छोटी लिनचोली आदि स्थानों में नुकसान हो गया था। साथ ही यात्रा हेतु रास्ता बाधित हो गया था। इसके बाद द्वितीय चरण की यात्रा का संचालन करने के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने स्थानीय लोगों, तीर्थ पुरोहितों एवं व्यापारियों के लिए निःशुल्क हैली सेवा का प्रबंध किया जिससे यात्रा के पुनः संचालन हो सका। इसके लिए उन्होंने पूरी केदारघाटी की ओर से मुख्यमंत्री जी का आभार जताया है। वहीं तीर्थ पुरोहित उमेश सिंह पोश्ती द्वारा भी मुख्यमंत्री जी का आभार प्रकट किया गया है।

 

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