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शीतकाल के लिए बन्द हुए गंगोत्री के कपाट

जनमंच टुडे। उत्तरकाशी।  विश्व प्रसिद्ध गंगोत्री धाम के कपाट अन्नकूट के पर्व पर मंगलवार को 11. बजकर 45 मिनट पर श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिए गए। इस दौरान हजारों श्रद्धालु कपाट बंद होने के साक्षी बने। कपाट बंद होने के बाद गंगा की डोली मां गंगा के जयकारों के साथ मुखवा के लिए रवाना हुई। कपाट बंद होने के बाद अब देश-विदेश के श्रद्धालु मां गंगा के दर्शन उनके शीतकालीन प्रवास मुखीमठ (मुखवा) में कर सकेंगे। कपाट खुलने से लेकर बंद होने तक गंगोत्री धाम में इस बार 9 लाख से अधिक तीर्थयात्री पहुंचे हैं। वहीं यमुनोत्री धाम के कपाट भैया दूज के अवसर पर 15 नवंबर को दोपहर को बंद होंगे। मंगलवार को गंगोत्री धाम के कपाट बंद किए जाने के अवसर सुबह 10.15 बजे मां गंगा के मुकुट को उतारा गया। जिसके बाद श्रद्धालुओं ने निर्वाण के दर्शन किए। वेद मंत्रों के साथ मां गंगा की मूर्ति का महाभिषेक किया गया। इस अवसर पर तीर्थयात्रियों और स्थानीय श्रद्धालुओं ने मां गंगा के दर्शन किए तथा गंगा तट पर पूजा अर्चना की। सैकड़ों श्रद्धालुओं ने मां गंगा के दर्शन कर जयकारे लगाए। स्थानीय ग्रामीणों ने रांसो तांदी नृत्य किया। जिसके बाद विधिवत हवन पूजा-अर्चना के साथ दोपहर 11.45 बजे अभिजीत मुहूर्त की शुभ बेला पर कपाट बंद किए गए। जिसके बाद गंगा की डोली लेकर तीर्थ पुरोहित मुखवा के लिए प्रस्थान हुए।

 

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